
भारत की धरती को चमत्कार की धरती ऐसे ही नहीं कहा जाता. जहाँ भी नज़र डालो हर जगह आश्चर्य में डालने वाले विषय और जगहें मिल जाती हैं. अब नागालैंड के दीमापुर में स्तिथ इस वाटिका को ही देख लीजिये यहाँ पत्थर से बनी शतरंज की मोहरें यानि की गोटियां रखी हुई हैं जो की बहुत ही विशाल हैं और उनका वजन भी बहुत अधिक हैं। यहाँ के मूल निवासियों का कहना है की ये शतरंज की गोटियाँ महाभारत काल से हैं.
यह भी कहा जाता है कि इस वाटिका में शतरंज की इन गोटियों से भीम और उनके पुत्र घटोत्कच शतरंज खेलते थे। इस जगह पांडवो ने अपने वनवास का काफी समय व्यतीत किया था।
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